राष्ट्रीय आय की मुख्य अवधारणाएँ



आर्थिक तंत्र में सेवाओं तथा वस्तुओ के प्रवाह के आय को राष्ट्रीय आय कहते है। राष्ट्रीय संपदा एक दिये गये समय पर उपस्थित संपति का माप होती है जबकि राष्ट्रीय आय एक दिये गये समय अंतराल में आर्थिक तंत्र की उत्पादन क्षमता का माप होती है। राष्ट्रीय आय के आँकड़े वित्तीय वर्ष (अर्थात 1 अप्रैल से 31 मार्च तक) पर आधारति होते है। राष्ट्रीय आय को परिकलित करने के लिए एक वर्ष का आधार लिया जाता है जिसे आधार वर्ष कहते है, चूँकि  एक वर्ष में सभी ऋतुएँ आ जाती हैं। भारत की राष्ट्रीय आय के आकलन के आँकड़े केंद्रीय सांखिकी संस्थान (CSO) द्वारा जारी किये जाते हैं।
राष्ट्रीय आय की अवधारणाएँ
राष्ट्रीय आय की मुख्य अवधारणाएँ हैं :
1. सकल घरेलु उत्पाद (GDP)
2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP)

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आइये हम विस्तार से राष्ट्रीय आय की इन अवधारणाओं की व्याख्या करते हैं।
1. सकल घरेलु उत्पाद (GDP): सकल घरेलु उत्पाद किसी देश के घरेलु प्रांत में एक वर्ष मे हाल ही में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओ और सेवाओं का कुल बाजार मूल्य होता है। इस परिभाषा के परिपक्ष में चार चीजें अवश्य ही घ्यान दी जानी चाहिए।
पहली, यह हाल ही उन्पादित वस्तुओं और सेवाओं के वार्षिक आऊटपुट के बाजार मूल्य का मापदंड है। यह दर्शाता है कि सकल घरेलु उत्पाद एक मौद्रिक मापदंड है।
दूसरी, सकल घरेलु उत्पाद को एकदम सही परिकलित करने के लिए, किसी दिये गये वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुएँ और सेवाएँ केवल एक बार ही गिनी जानी चाहिएँ ताकि दोबारा गिनती से बचा जा सके। इसलिए, सकल घरेलु उत्पाद में केवल अंतिम वस्तुएँ और सेवायें ही शामिल की जानी चाहिएँ तथा बीच की वस्तुओं में शामिल लेन-देन को अनदेखा कर देना चाहिए।
तीसरी, सकल घरेलु उत्पाद में केवल एक वर्ष में हाल ही उत्पादित वस्तुएँ और सेवायें शमिल होती हैं। बाजार के लेन देन जिसमें पिछले समय में उत्पादित वस्तुओं जैसे पुराने घर, पुरानी कारें, पहले निर्मित फैक्ट्रियों शामिल होते है, चालु वर्ष के समल घरेलु उत्पाद में शामिल नही किये जातें।
अंतिम, सकल घरेलु उत्पाद से अभिप्राय एक देश के घरेलु प्रँात मे नागरिको और गैर-नागरिकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य से है।
2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) एक वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। सकल राष्ट्रीय उत्पाद में शुद्ध घटक आय शामिल होती है जबकि सकल घरेलु उत्पाद में नही होती। इसलिएए
GNP = GDP + विदेशों से शुद्ध घटक आय
विदेशों से शुद्ध घटक आय त्र विदेशों में रहने वाले भारतीयो से प्राप्त घटक। आय दृ भारत में कार्यरत विदेशियों को अदा की गई घटक आय।

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